Thursday, October 5, 2023

नदी की कहानी फिर कभी सुनाना

नदी की कहानी तुम फिर कभी सुनाना
अभी मैं प्यासा हूँ दो घूँट पानी पिलाना
                  ~ कन्हैया लाल नंदन ~

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चंदन स्यों लिपटा रहे पर विष न तजे भुजंग

अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना का एक प्रसिद्ध दोहा है:                  रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग                   चंदन विष व्यापत नहीं लिप...