Tuesday, February 27, 2024

एक कप ईर्ष्या की कीमत

मैं ईर्ष्या की कीमत जानना चाहता था।
मैं उस दुकान पर गया जो उसे बेचते थे। 

एक सेल्समैन ने पूछा कि मुझे क्या चाहिए।
मैंने कहा मुझे एक कप ईर्ष्या चाहिए।
उसने मुस्कुरा कर पूछा - क्या आप इस की कीमत अदा कर सकोगे ?
मैंने पूछा -'कितनी होगी एक कप ईर्ष्या की कीमत?' 

उसने एक गहरी साँस ली, और कहा:
सबसे पहले, तो आपको अपनी आंतरिक शांति से - अपने सकून और चैन से इसकी कीमत चुकानी होगी। 
आपकी आंतरिक शांति चली जाएगी।
आपका सकून चैन सब चला जाएगा 
आपको असाध्य चिंताएँ झेलनी पड़ेंगी।
जब भी आप उस व्यक्ति पर नजर डालेंगे जिससे आप ईर्ष्या और नफ़रत  करेंगे तो आप का दिल कड़वाहट से भर जाएगा।
आप उन्हें देखकर अपने आप को कमजोर और थके हुए से महसूस करेंगे। 
उनको हँसता देख कर आप रोने लगेंगे।
आनंद और उत्साह की भावनाएं आपका साथ छोड़ देगी।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) शूगर अर्थात मधुमेह की बीमारी - स्ट्रोक, कैंसर, अथवा गुर्दे की बीमारी आदि स्वास्थ्य समस्याएं आपको घेरने लगेंगी।
जब तक आप इस ईर्ष्या और नफरत के प्याले से पीते रहेंगे - आपकी कड़वाहट, द्वेष,  क्रोध, नाराजगी, अशांति, बेचैनी इत्यादि बढ़ती रहेंगी।
यदि आप प्रेम, करुणा, संवेदना एवं सदभाव जैसे प्राकृतिक नियमों और अलौकिक मर्यादाओं की अवज्ञा करेंगे तो फिर अरदासें, प्रार्थनाएँ या दवाएँ भी कोई मदद नहीं कर सकेंगी। 

इस से पहले कि वह कुछ और कहता - मैंने उसे रोक दिया।
मैं नहीं जानता था कि ईर्ष्या इतनी महंगी हो सकती है।
मुझे लगा कि मेरे लिए इसकी कीमत चुकानी बहुत मंहगी पड़ेगी। 
मैं जल्दी से वापिस आ गया - 
क्योंकि अब समझ चुका था कि मैं इसकी कीमत अदा नहीं कर सकता।
मैं इसके लिए इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकता - 
क्या आप दे सकते हैं ?
क्या आप इसकी कीमत अदा कर सकते हैं?

अत: - घृणा, कटुता, क्रोध इत्यादि विकारों को अपने मन में रहने की जगह न दें। 
गपशप करने और अफवाहें सुनने से बचें - 
क्योंकि अधिकांश समय - आप किसी के बारे में दूसरों से जो सुनते हैं - 
वही आपके दिल में ईर्ष्या और नफरत पैदा करता है।
किसी को भी अपनी ख़ुशी छीनने और अपने दिल में ईर्ष्या और नफ़रत भरने की इजाज़त न दें।

                              " राजन सचदेव "

4 comments:

  1. 🙏🏻Anmol slah🙏🏻✅

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  2. Only saints know about it and have been educating to refrain from such vices since ages. Thanks a lot ji.

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  3. Lajwaab, Thanks uncle ji 🙏 for guidance

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