अक़्सर हमारे जीवन में ये विडम्बना होती है कि आम तौर पर हम लोगों का सम्मान उनके व्यक्तित्व या विचारों के लिए नहीं करते।
लेकिन जब ये पता चल जाए कि कोई व्यक्ति बहुत अमीर है या किसी ऊँचे और बहुत सम्मानित और आधिकारिक पद पर प्रतिष्ठित है -
तो फ़ौरन उसके प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल जाता है।
इसका अर्थ ये है कि हमारे दिल में केवल धन और ऊँचे पद एवं प्रतिष्ठा का सम्मान होता है -
व्यक्ति और उसके गुण एवं इन्सानियत का नहीं।
" राजन सचदेव "
मेरे ख्याल में यह भी एक कुदरत का नियम ही है उगते हुए सूर्य की ही उपासना होती है यदि यह साबित ही नहीं होगा कोई राजवंशी है तब तक उसको राज्यीय सम्मान कैसे दिया जाये इंसानों की बात अगर छोड़ भी दें तो सूर्यमुखी फ़ूलों को ही देख सकते हैं, चंद्रमा के पास आते ही समुन्द्र भी उछाले मारता है 🙏🙏🌹
ReplyDelete✅👌👌👌👌🙏
ReplyDeleteIk noo jaan ke ghat ghar andar sabna de naal pyar karo!
ReplyDeleteSangat me is liye na aayo ki jaan pehchaan badhegi!
Ek ko jaano jiske hum saare hai!
Is ne hamaari jimewari le rakhi hai !
Jaise hum kahte hai, Tu karta hai jagat ka!
Vichar aur Guno se pyar karo !
Jaan pehchaan is vadde ke saath banayo!
Bakhsh lena ji!
Chhota muh badi baat!
101% Right par aesya nahi hona chaiye 🙏🙏🙏
ReplyDeleteBilkul yehi vidambana hai insan ke ohde aur paisa dekh ker pyar kiya jana na ki uske vichar aur gunno ko
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