हसरतों की दिल में जब हलचल नहीं रही
ज़िंदगी में फिर कोई कलकल नहीं रही
आज का ये दौर ' ए - आई ' का दौर है
ज़ात अब इंसान की अफ़ज़ल नहीं रही
काट कर पेड़ों को ये लकड़ी के सौदागर
पूछते हैं - क्यों हवा निर्मल नहीं रही
थी कभी दुर्गा कभी झाँसी की रानी थी
नारी भारत की कभी निर्बल नहीं रही
मज़हबो-मिल्लत की दीवारें हटीं जहां
वैर नफरत की वहां दलदल नहीं रही
सोच के रखना क़दम ऐ दोस्तो यहां
राह-ए-मा'रफ़त कभी समतल नहीं रही
छीना उम्र-ए-पीरी ने सब जोश और जुनूं
दिल में वो सुलगती दावानल नहीं रही
नातवानी छा रही है जिस्म-ओ-जां पे अब
थक गई है ज़िंदगी - चंचल नहीं रही
दोस्ती भी रस्म-ओ-राह बन के रह गई
पहले सी वो खुशनुमा महफ़िल नहीं रही
लगते थे मेले जहां रहती थीं रौनकें
आज उन गलियों में भी हलचल नहीं रही
जाने ये कैसी चली 'राजन' हवा कि अब
कोई शख़्सीयत यहाँ निश्छल नहीं रही
" राजन सचदेव "
कलकल = उथल पुथल, शोर शराबा Turmoil, uproar, noise,
ए - आई = आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (कम्प्यूटर जनित बुद्धि)
अफ़ज़ल = सर्वश्रेष्ठ - सर्वोत्तम The Best, Highest
मज़हबो-मिल्लत = धर्म - समाज और संप्रदाय
राह-ए-मा'रफ़त = आत्मज्ञान का मार्ग - आध्यात्म की राह - रुहानियत का रास्ता - Path to Enlightenment
समतल = सीधा, सरल, प्लेन, टोए टिब्बों के बिना - straight, simple, plain, without ridges
उम्र-ए-पीरी = बड़ी उमर - बुढ़ापा Old age
जोश और जुनूं = उत्साह,उमंग - उन्माद Enthusiasm & Passion Zeal, Eagerness
दावानल = अग्नि, आग Burning fire
नातवानी = कमज़ोरी, दुर्बलता weakness, inability
रस्म-ओ-राह = औपचारिकता Formality
खुशनुमा = आनंदित Happy, Pleasing
शख़्सीयत = प्रतिष्ठित व्यक्तित्व - आदरणीय व्यक्ति Respected, Reputable personality
निश्छल = छल रहित, स्वार्थ रहित Innocent, without deceit, without selfishness
So well written poem. Wish I could thinksome equivalent Urdu word for "Davanal"
ReplyDeleteWhat's wrong with "Daavaanal'? 😊😇
ReplyDeleteLanguage is to express the thoughs.
Hindi, Punjabi, Urdu, English all are beautiful languages 😊😇🙏🙏
Anyway - उर्दू में कह सकते हैं - सीने में दहकती आग या चिंगारी
👌👌
ReplyDelete👍👌👌✌️wah ji wah 🙏
ReplyDeleteBeautiful 🙏
ReplyDeleteBeautiful 🙏
ReplyDeleteWell said 🙏
ReplyDeleteJust wah for these ultimate lines uncle ji
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏