“अक़्सर बंदे दी मौत ते पैंदा ए सियाप्पा
पांदा ऐ मरन वेले मुबारक कोई कोई''
उपरोक्त गीत के लेखक संत निरंकारी मिशन के एक प्रसिद्ध भजन लेखक, गायक एवं प्रचारक -
श्री सुशील कुमार सेवक जी (पटियाला) शुक्रवार, 16 फरवरी, 2024 को प्रातः सत्संग के दौरान इस नश्वर संसार से विदा हो गए।
शुक्रवार की सुबह सत्संग में उन्होंने मंच से विचार - प्रवचन दिया -
और विचार समाप्त करने के बाद वहीं मंच पर बैठे बैठे ही उन्होंने अपने नश्वर शरीर का त्याग कर दिया।
कितना दिव्य प्रस्थान है यह !
विशाखी राम जी और सुशील कुमार जी पागल-सेवक के उपनाम से एक साथ भजन लिखते और गाते थे।
बाद में उनका संयुक्त उपनाम बदलकर अमर-सेवक कर दिया गया।
मेरी उन दोनों के साथ ही बहुत गहरी यादें जुड़ी हुई हैं।
पागल जी, सेवक जी, आशा जी और मैं अक़्सर पिता जी - (संत अमर सिंह जी पटियाला) के साथ उनके प्रचार टूर पर जाया करते थे -
कभी एक दो दिन के लिए और कभी-कभी कुछ हफ्तों या एक दो महीनों के लिए।
कभी-कभी इन प्रचार यात्राओं में आदरणीय वी डी नागपाल जी भी शामिल होते थे।
वो पुरानी अविस्मरणीय मधुर यादें आज भी मेरे दिल में ताज़ा हैं। ।
पागल जी और सेवक जी ने मिलकर कई गहरे भावों से परिपूर्ण - हरमन प्यारे अविस्मरणीय अमर गीत लिखे जो आज भी मिशन में काफी लोकप्रिय हैं।
जैसे कि:
दुनिया 'च हुंदा ए रब्ब दा आशिक कोई कोई
कच्च दी मन्डी 'च सच्च दा गाहक कोई कोई
अक्सर बंदे दी मौत तै पैंदा ए स्यापा
पांदा ऐ मरन वेले मुबारक कोई कोई
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यद्यपि सेवक जी अब शारीरिक रुप में हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनके और अमर जी द्वारा दिए गए भजनों के माध्यम से वे हमेशा साथ रहेंगे।
" राजन सचदेव "
Tu hi nirankar...may the noble soul be blessed
ReplyDeleteAshok Chaudhary
Tu hi nirankar 🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteनमन
ReplyDeleteशत् शत् नमन
दिव्यवर का यह जाना अपूर्णीय क्षति तो है लेकिन अनंत काल तक आप जी के गीत और प्रेमा-भक्ति पूर्ण जीवन हम सब का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा और मानवता अनंतकाल तक आप की ऋणी रहेगी।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि
आप जी की प्रेमा-भक्ति को सलाम 💐
Tu hi nirankar Tu hi nirankar Tu hi nirankar!
ReplyDeleteAn unforgettable soul. 🙏
ReplyDeleteAn unforgettable soul and experience with him
ReplyDeleteTu Hi Nirankar 🙏 what a Devine Soul 🙏
ReplyDeleteTu Hi Nirankar 🙏 great Soul, May Nirankar bless the families and friends 🙏🙏
ReplyDeleteA true Gursikh who dedicated his entire life to Guru Nirankar and Sadh Sangat. वोह ‘मन वाणी और क्रम से जीवन जीने वाला महात्मा था When Susheel Ji came to N America with Bhagat Kotu Mal Ji in late 80s he stayed with us for one night in our Stoney Creek house. Our family will always cherish that time.
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