Friday, February 23, 2024

किसी गोशे में दिल के ढूँड

किसी गोशे में दिल के ढूँड उस के हुस्न-ए-यकजा को 
वो शम्अ'-ए-शौक़ ले कर दर-ब-दर देखा नहीं जाता 
                          क़ैसर देहलवी 
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प्रभु के अनूठे सौन्दर्य को अपने हृदय के किसी गहरे अन्तराल में ही ढूंढिए।
अपनी चाहत का दीपक लेकर दर-दर भटकने से उसे नहीं देखा जा सकता।

4 comments:

  1. Can you elaborate more details on this please

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  2. Agreed
    Coffee never knew it would taste so nice and sweet,* *before it met milk and sweet.*
    *We are good as individuals but become better,* *we meet and blend with right people.*

    So be in Harmony

    Establish Harmony in Oneness 💢💖✍️

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega