क्या ग़रज़ है अब किसी भी काम की तक्मील से
मांग लो जो चाहिए ख़ज़ाना-ए-तहसील से
सट के बैठ जाओ कुछ दिन शहर की फ़सील से
रोटी खाओ लंगर से - पानी पीयो छबील से
कर लेना फिर सौदा भी इक अच्छे से वकील से
बात वो मनवा लेगा झूठी-सच्ची दलील से
उलझनें जब बढ़ गईं तो दोराहे पे बैठ कर
पूछते हैं रास्ता मंज़िल का संग-ए-मील से
क्यों कमर में खंज़र है क्यों हाथ में तलवार है ?
क्यों माथे पर सिलवटें क्यों बोल हैं अश्लील से ?
जां किसी मज़लूम की लेने से पहले ज़ालिमो
दर्द उसका पूछिए इक मादर-ए-क़तील से
मुआमला मुश्किल नहीं होता है सुलझाना कोई
बैठ कर सब बात कर लेवें अगर तफ़्सील से
अपनी मेहनत की कमाई में ही है 'राजन' सवाब
चंद सिक्कों के लिए फिरते नहीं ज़लील से
"राजन सचदेव "
तक्मील = पूर्णता - काम को सरंजाम देना - काम पूरा करना Completion of the task
खज़ाना-ए-तहसील = सरकारी ख़ज़ाना State Treasury
फ़सील = शहर की चारदीवारी Boundary Wall of a city or a fort
संग-ए-मील = मील का पत्थर Mile Stone
अश्लील = भद्दा - अपमान जनक Obscene, Indecent, Vulgar, Profane
मज़लूम = उत्पीड़ित Oppressed
मादर-ए-क़तील = क़त्ल किए गए व्यक्ति की माँ - जिसकी हत्या हुई है उसकी मां
Mother of a murdered one - Mother of the one who has been murdered
मुआमला = समस्या - Issue
तफ़्सील = विस्तार-पूर्वक in Detail
सवाब = पुण्य - परलोक में मिलने वाला फल Reward from Heaven, (Real Satisfaction)
ज़लील = अपमानित, बे-आबरु Humiliated, Humbled - Disgraced
Great and true description of prevailing mentality. That’s one reason that so much wealth is concentrated in fewer hand than ever.
ReplyDeleteSuper 👌
ReplyDeleteBeautiful 👌
ReplyDeleteBahut hee Uttam aur sunder bhav poorn Rachana ji .🙏
ReplyDeleteBahut Khoob!
ReplyDeleteSanjeev Khullar
👌🙏
ReplyDeleteBeautiful ji🙏🙏🙏❤️❤️❤️
ReplyDelete