लोग करते हैं बुरी बात का चर्चा कैसा
- दाग़ देहलवी -
प्रायः देखने में आता है कि यदि किसी व्यक्ति में चाहे लाखों खूबियां हों - कितने ही गुण क्यों न हों -
लोग उसकी क़दर नहीं करते और न ही अन्य लोगों से कभी उसके बारे में बात करके उस के गुणों की चर्चा अथवा प्रशंसा करते हैं।
कोई भी उनकी सराहना और तारीफ़ करते हुए उनकी खूबियों को दूसरों के सामने प्रकट नहीं करता चाहता।
लेकिन अगर वे कहीं एक ज़रा सी भी ग़लती कर दें -
अगर किसी कारणवश उनसे कोई गलत काम हो जाए - तो देखिए -
लोग फ़ौरन ही हर एक के साथ उसकी चर्चा करने लग जाते हैं -
उसे सब के सामने उजागर कर के लगातार उसे नीचा दिखाने अथवा बदनाम करने की कोशिश करने लगते हैं।
अक़्सर दुनिया में ऐसा ही देखने को मिलता है
लेकिन शास्त्रों के अनुसार - दूसरों के गुण और अपने अवगुणों को सामने रख कर ही आध्यात्मिकता के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है।
"फ़रीदा जे तू अक़्ल लतीफ़ हैं - काले लिख न लेख
आपनड़े गिरेबान में मूँह नीवां कर देख "
शेख़ फ़रीद कहते हैं कि अगर तुम विद्वान हो और गुण अवगुण परखने की क्षमता रखते हो तो किसी के बारे में काले लेख लिखने की बजाए सर झुका कर अपने ही गिरेबान में - अर्थात अपने अंदर ही झाँक कर देखो - अपने अवगुणों पर - अपनी कमज़ोरियों पर नज़र रखो।
परमात्मा को पाने का यही सही मार्ग है।
" राजन सचदेव "
So very true!!
ReplyDeleteITS REALITY SHOW OF HUMAN DHAN NIRANKAR JI
ReplyDelete🙏Absolutely true.Bahut hee Uttam aur Gurmat wale bachan ji.🙏
ReplyDeleteबिल्कुल सत्य जी.
ReplyDeleteBilkul sahi ji Veer ji ashirwad dho ji ke hum esa na kareji pahle apni kmyiion ko dheke ji🙏🏼🙏🏼
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteBeautiful words of wisdom 🙏🙏
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