Saturday, February 17, 2024

पश्चाताप और चिंता

पश्चाताप या पछतावा चाहे कितनी भी भारी मात्रा में क्यों न हो -
अतीत को नहीं बदल सकता 

चिंता चाहे कितनी भी भारी मात्रा में क्यों न की जाए  -
भविष्य को नहीं बदल सकती 

लेकिन स्वीकृति और कृतज्ञता की भावनाएँ हमारी वर्तमान मनःस्थिति को बदल सकती हैं।

परिस्थितियों को शालीनता से स्वीकार करने - 
और हालात से समझौता कर लेने से मन की वर्तमान स्थिति को बदला जा सकता है।
                            " राजन सचदेव "

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega