Monday, June 23, 2014

Sukh Dukh सुख दुख


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चंदन स्यों लिपटा रहे पर विष न तजे भुजंग

अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना का एक प्रसिद्ध दोहा है:                  रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग                   चंदन विष व्यापत नहीं लिप...