Tuesday, May 9, 2023

न मर्षयन्ति चात्मानं

            न मर्षयन्ति चात्मानं संभावयितुमात्मना |
           अदर्शयित्वा शूरास्तू कर्म कुर्वन्ति दुष्करम् ||
                                            (सुभाषितम) 

संभ्रांत, कुलीन, ज्ञानी, एवं विद्वान सज्जन अपने मुँह से अपनी प्रशंसा करना पसंद नहीं करते और न ही अपने मुँह पर की गई प्रशंसा एवं चापलूसी सुनना पसंद करते हैं।
शूरवीर अपने पराक्रम का प्रदर्शन शब्दों से नहीं करते - वह मुश्किल और कठिन कार्यों को करके दिखाते हैं  - चुनौतीपूर्ण और असाध्य कार्य करके अपने शौर्य और कला का परिचय देते हैं। 

वे महज बातें नहीं करते बल्कि वास्तव में ज़रुरतमंद लोगों की मदद करने का प्रयत्न करते हैं - और बदले में किसी भी प्रकार की कोई उम्मीद और अपेक्षा नहीं रखते  - यहां तक कि प्रशंसा की अपेक्षा भी नहीं करते।
                                  " राजन सचदेव "

2 comments:

  1. Bahut hee uttam bachan ji. 🙏

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  2. Perfect way to live life !
    नेकी कर और कुआं में डाल !

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