Thursday, May 4, 2023

सूफ़ी का क़ौल - या पंडित का ज्ञान

               वो सूफ़ी का क़ौल हो या पंडित का ज्ञान 
              जितनी बीते आप पर उतना ही सच मान
                                      "निदा फ़ाज़ली"

सूफ़ी हो या पंडित - सभी अपने अपने ढंग से सत्य का प्रचार करने का प्रयत्न करते हैं 
हमें सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं - लेकिन चलना तो हमें स्वयं ही है। 
हमें स्वयं ही चल कर अपना मार्ग तय करना  होता है 
कोई दूसरा हमारे नाम पर चल कर हमारा मार्ग तय नहीं कर सकता। 

सूफ़ी, पण्डित और प्रचारक हमें प्रेरणा दे सकते हैं - सत्य का ज्ञान दे सकते हैं 
हमें ज्ञान की बातें समझा सकते हैं 
लेकिन हमारा निजी सत्य उतना ही है जितना हमारे जीवन में ढल जाए। 

जो हमारे जीवन में क्रियात्मक रुप से प्रकट होता है वही हमारा सत्य है। 
और उसी से हमें लाभ होगा। 
कल्याण तो क्रियात्मक ज्ञान से होता है - केवल सुने हुए ज्ञान से नहीं। 
                            " राजन सचदेव "

4 comments:

  1. सत्य है -- मार्ग दर्शन के लिए धन्यवाद

    ReplyDelete
  2. Satya marg par chlane ke liye sukrana ji🌹🌹🌹🙏🙏🙏

    ReplyDelete

सीट बेल्ट बांध लें

उड़ान भरने से पहले, हवाई जहाज में एक घोषणा की जाती है: 'अपनी सीट बेल्ट अच्छी तरह से बांध लें।' क्योंकि, जैसे-जैसे विमान ऊपर चढ़ता है...