The essence of wisdom is applying what we know
And acknowledging what we do not know
विवेक एवं ज्ञान का सार है -
जो जानते हैं उसका उपयोग करना -
और जो नहीं जानते उसे स्वीकार करना
अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...
Absolutely..🙏🙏🙏
ReplyDeleteDhan nirankar uncle ji
ReplyDeleteVery well worded👍
ReplyDelete🙏
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव राजन जी।
ReplyDeleteइसके आगे भी बढ़ने का भाव जाग्रत हो रहा है और मन कह रहा है की, जो नही जानते उसे स्वीकार करने का अर्थ की आपने जान लिया की आप की दृष्टि इस और नही थी और अब है। इसलिए कुछ भी न जानने जैसा है ही नही, गुरुदेव कहते है की इस सृष्टि का समस्त ज्ञान हमारे भीतर है बस दृष्टि इस और नही है, जिस दिन दृष्टि इस ओर हो गई ज्ञान स्वयं को आपके सामने प्रकट कर देगा।
आपके इन अदभुद शब्दो ने चिंतन को प्रेरित किया, आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार।