ज्ञान के दीपक मन में जलाएं
ज्ञान की ज्योति मन में जला कर
अज्ञानता का अंधेरा मिटायें
अपने घरों को रौशन करें -पर
औरों के घर के दिए न बुझाएं
दीपक जलाएं नए चाहे लेकिन
जो बुझ रहे हैं उन्हें भी बचायें
अब के दीवाली पे बाहर न निकलें
घर में ही बैठ के उत्सव मनाएं
घर को सजाना भी ठीक है लेकिन
दिव्य गुणों से जीवन सजायें
तोहफे अमीरों को देने के बदले
ग़रीबों के उजड़े घरो को बसाएं
मिठाई के बदले में इस बार यारो
रिश्तों - संबंधों को मीठा बनायें
अगर बाँटना ही ज़रुरी है कुछ, तो
चलो दीन दुखियों के दर्द बंटाएं
गिरायें नहीं - बल्कि ऊँचा उठायें
हर छोटे बड़े को गले से लगायें
लक्ष्मी की पूजा में ही मगन हो कर
देखो - नारायण को न भूल जाएं
उज्जवल हो मन ज्ञान की रोशनी से
'राजन ' दिवाली हम ऐसे मनाएं
अबके दिवाली कुछ ऐसे मनाएं
ज्ञान के दीपक मन में जलाएं
'राजन सचदेव '
मिठाई के बदले में इस बार यारो
रिश्तों - संबंधों को मीठा बनायें
अगर बाँटना ही ज़रुरी है कुछ, तो
चलो दीन दुखियों के दर्द बंटाएं
गिरायें नहीं - बल्कि ऊँचा उठायें
हर छोटे बड़े को गले से लगायें
लक्ष्मी की पूजा में ही मगन हो कर
देखो - नारायण को न भूल जाएं
उज्जवल हो मन ज्ञान की रोशनी से
'राजन ' दिवाली हम ऐसे मनाएं
अबके दिवाली कुछ ऐसे मनाएं
ज्ञान के दीपक मन में जलाएं
'राजन सचदेव '
Wah bhaut khoob Surat 👌👌👌
ReplyDeleteघर को सजाना भी ठीक है लेकिन
ReplyDeleteदिव्य गुणों से जीवन सजायें....it's all Beautiful lines ji🌸🙏🌺
Ghar ki safai ke saath mun ki Safai bhi jaroori hai 🙏🙏
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