Wednesday, November 10, 2021

सोए हुए राही जाग ज़रा

कल एक मित्र ने शकील बदायुनी का लिखा हुआ एक खूबसूरत गीत भेजा  -
हालांकि यह बहुत सुंदर और काफी प्रेरणादायक गीत है
लेकिन किसी कारणवश इसे फिल्म से हटा दिया गया था
           ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

साहिल की तरफ़ कश्ती ले चल - तूफ़ां के थपेड़े सहना क्या
तू आप ही अपना माँझी बन - मौजों के सहारे बहना क्या

ये बीच सफ़र में कैसी थकन - मंज़िल भी तेरी जब दूर नहीं
सोए हुए राही जाग ज़रा - ख़्वाबों में उलझकर रहना क्या

कुछ नींद भी है कुछ होश भी है - ना जाने ये आलम कौनसा है
या डूब जा या चल साहिल पर  - तिनके के सहारे बहना क्या              
                                                         ~ शकील बदायूंनी  ~ 

2 comments:

  1. TU AP HI APNA MANJHI BN ..MAUJON K SAHARE BHNA KYA ������
    WAH KYA BAT H ..SHKIL BDAUNI JI KI BHI ..BAHUT HI MAHAN GEETKAR THE APNE VKT KE

    ReplyDelete

दर्पण के सामने - भगवान कृष्ण

एक बार, भगवान कृष्ण आईने के सामने खड़े थे अपने बालों और पोशाक को ठीक कर रहे थे। वह अपने सिर पर विभिन्न मुकुटों को सजा कर देख रहे थे और कई सु...