Tuesday, February 14, 2023

जो सर उठा के चला था

हवा वही - क़तरा वही - समंदर भी वही है
जो सर उठा के चला था वो बुलबुला नहीं रहा

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झूठ चाहे धीरे से ही बोलो - If we whisper a lie

ये कलियुग है जनाब — झूठ चाहे धीरे से ही बोलो                 तो भी सब सुन लेंगे  और सच अगर चिल्ला-चिल्लाकर भी कहो तो भी कोई सुनने वाला न...