अपने अंदर झांकें कौन ?
ढूंढ़ रहे हैं सब में कमियां
अपने मन को जांचे कौन?
सब कहते हैं दुनियाँ सुधरे
खुद को मगर सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
अपने कर्म विचारे कौन ?
हम सुधरें - तो जग सुधरेगा
लेकिन ये स्वीकारे कौन?
इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां Is jahaan aur us...
Jai Gurudev 👏🙏🏾👏! Atishaya Sunder 👏🙏🏾👏
ReplyDeleteSaari duniya sudhar jayegi apna agar sudhar je kariye
ReplyDeleteExcellent Sir 🙏🏿
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