कुछ सबक - जैसे धैर्य, सहनशीलता, संतोष, विनम्रता, करुणा, वैराग्य आदि सीखने के लिए।
वैसे तो सभी को अपने जीवन में इन सारे सद्गुणों का विकास करना चाहिए -
लेकिन कुछ लोगों को किसी विशेष क्षेत्र में दूसरों की तुलना में अधिक ज़रुरत हो सकती है।
हमें स्वयं अपने आप से पूछना चाहिए: "मैं यहाँ - इस संसार में क्यों आया हूँ?
मेरा सबक क्या है? मुझे क्या सीखने के लिए यहां भेजा गया है।
मुझे लगता है कि मेरे सबक हैं धैर्य, सहनशीलता, परिस्थितियों के साथ समायोजन एवं सामंजस्य -
हर परिस्थिति में अविचिलित मनःस्थिति इत्यादि।
आप के सबक क्या हैं?
ये आपको स्वयं पता लगाना होगा।
आप के सबक क्या हैं?
ये आपको स्वयं पता लगाना होगा।
" राजन सचदेव "
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