Wednesday, April 19, 2023

खुशबु हो अगर तुम --- ਖੁਸ਼ਬੂ ਅਗਰ ਹੋ ਤੁਮ

ज़ुल्मत के तलातुम से उभर क्यों नहीं जाते
उतरा हुआ है दरिया - गुज़र क्यों नहीं जाते
बादल हो, तो बरसो किसी बे-आब ज़मीं पर
खुशबु हो अगर तुम तो बिखर क्यों नहीं जाते
                                      (लेखक अज्ञात) 
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ਜ਼ੁਲਮਤ ਕੇ ਤਲਾਤੁਮ ਸੇ ਉਭਰ ਕਿਓਂ ਨਹੀਂ ਜਾਤੇ 
ਉਤਰਾ ਹੂਆ ਹੈ ਦਰਿਆ ਗੁਜ਼ਰ ਕਿਓਂ ਨਹੀਂ ਜਾਤੇ 
ਬਾਦਲ ਹੋ ਤੋ ਬਰਸੋ ਕਿਸੀ ਬੇ ਆਬ ਜ਼ਮੀਂ ਪਰ 
ਖੁਸ਼ਬੂ ਅਗਰ ਹੋ ਤੁਮ ਤੋ ਬਿਖਰ ਕਿਓਂ ਨਹੀਂ ਜਾਤੇ                
                                (ਲੇਖਕ ਅਗਿਆਤ) 

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