साक्षी-भाव से निरीक्षण
अर्थात किसी के गुण और दोषों की जांच न करना -
अर्थात किसी के गुण और दोषों की जांच न करना -
किसी के लिए अपनी कोई राय न बनाना।
सब को समभाव से देखते हुए सब से प्रेम और सब का आदर सत्कार करना।
परीक्षण के बिना निरीक्षण
सब को समभाव से देखते हुए सब से प्रेम और सब का आदर सत्कार करना।
परीक्षण के बिना निरीक्षण
वैमनस्य और द्वेष रहित समीक्षण
संकीर्णता से रहित विचार
संकीर्णता से रहित विचार
और स्वार्थ तथा भेदभाव से रहित व्यवहार
" राजन सचदेव "
👌👌 I wish we all feel same way!!🙏🙏
ReplyDeleteGreat qualities of real saints .
ReplyDeleteThanks uncle ji
ReplyDeleteReal good teaching Bhai sahib Ji. Please bless I want to walk on that path
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻🤲🤲🤲