एक राजा ने अपने दरबारियों से एक ऐसी चीज़ लाने को कहा, जिसे देख कर दुखी व्यक्ति अपना दुःख भूल जाए - धीर और शांत हो जाए।
लेकिन सुखी व्यक्ति उसे देख कर निराश, दुखी और अशांत हो जाए।
एक ज्ञानी महात्मा ने एक काग़ज़ पर कुछ लिखा और राजा को पेश कर दिया।
राजा ने पढ़ा - काग़ज़ पर लिखा था :
ये समय हमेशा नहीं रहेगा - बदल जाएगा
राजा ने विचार किया - कि एक दुखी व्यक्ति यह जानकर प्रसन्न और शांत हो जाएगा कि यह दुःख का समय अंततः समाप्त हो जाएगा और जीवन में अच्छे दिन आ जाएंगे ।
लेकिन एक सुखी व्यक्ति यह पढ़ कर उदास और निराश हो जाएगा कि ये अच्छे वैभवपूर्ण दिन - यह सुख का समय हमेशा नहीं रहेगा।
ज्ञानी लोग प्रकृति के इस नियम अथवा सिद्धांत को अच्छी तरह समझते हैं और हर परिस्थिति में यह बात याद रखते हैं कि समय बदलता रहता है - हमेशा एक सा नहीं रहता - इसलिए वह हर परिस्थिति में समभाव और शांत रहते हैं। सुख में गर्वान्वित नहीं होते और मुश्किल के समय में धैर्य नहीं खोते -- अधीर और अशांत नहीं होते।
उनके जीवन में न तो चंचलता और उच्छृंखलता होती है न ही दूसरों से श्रेष्ठ होने की भावना।
और न ही वो कठिन समय में निराशा और हीन भावना का शिकार होते हैं।
वो हमेशा हर परिस्थिति में समभाव रहने का यत्न करते हैं।
" राजन सचदेव "
Reminders of life
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻🙏🏻👌
ReplyDeleteBahut hee uttam bachan han ji .🙏
ReplyDeleteThis is the beauty 🙏🙏
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