जो खुश होना ही नहीं चाहते,
उन्हें कोई खुश नहीं कर सकता
…..और ....
जो खुश रहने का हुनर रखते हैं
उन्हें खुश रहने से कोई रोक नहीं सकता।।
ये जाते हुए पुराने साल की नसीहत भी तुम हो और आने वाले हर इक साल की ज़रुरत भी तुम हो (तुम = निरंकार ईश्वर) कि जो तौफ़ीक़ रखते हैं बना लें...
Very true.
ReplyDeleteKeya baat ji
ReplyDeleteVery true ji mahapurso ji🙏🙏💐💐
ReplyDeleteDhandvat Dhan nirankar ji ji uncle ji 🙏
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