जो खुश होना ही नहीं चाहते,
उन्हें कोई खुश नहीं कर सकता
…..और ....
जो खुश रहने का हुनर रखते हैं
उन्हें खुश रहने से कोई रोक नहीं सकता।।
सर्वशक्तिमान निरंकार प्रभु को समर्पित तुम से है ब्रह्माण्ड तुम जगत का मूल रुप हो रुप सब तुम्हारे हैं और स्वयं तुम अरुप हो अनादि हो अ...
Very true.
ReplyDeleteKeya baat ji
ReplyDeleteVery true ji mahapurso ji🙏🙏💐💐
ReplyDeleteDhandvat Dhan nirankar ji ji uncle ji 🙏
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