औरों को प्रेरित करने के लिए ये ज़रुरी नहीं कि आप स्वयं हर लिहाज़ से पूर्ण और त्रुटि रहित ही हों।
सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपने अनुभव दूसरों के साथ सांझा करके उन का मार्गदर्शन करना भी एक उत्तम कार्य एवं सेवा है।
संसार में कोई भी व्यक्ति हर लिहाज़ से पूर्ण नहीं है और न ही हो सकता है।
कोई भी इंसान हर एक विषय का पूर्ण ज्ञानी और हर एक कला में निपुण नहीं हो सकता।
हर व्यक्ति में कोई न कोई गुण होता है और साथ ही कुछ कमज़ोरियाँ भी होती हैं।
कोई भी व्यक्ति हर लिहाज़ से पूर्ण और त्रुटि-रहित नहीं है।
लेकिन अगर हम चाहें तो उनके जीवन के हर अच्छे और बुरे अनुभव से लाभ उठा सकते हैं - और स्वयं त्रुटि-रहित एवं पूर्णता के मार्ग की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न कर सकते हैं।
इसी तरह - अगर हम ये सोचते और समझते हैं कि हम स्वयं पूर्ण नहीं है तो भी अपने सीमित ज्ञान और अनुभव से औरों को प्रेरणा दे कर उनकी मनःस्थिति को ऊपर उठाने - उनके जीवन में उत्त्थान और प्रसन्नता लाने का प्रयत्न अवश्य करना चाहिए।
" राजन सचदेव "
Satya ji agar maan mai koi khot na ho to har ek ka koi anubhav kisi ar k liye marg darshan ho sakta hai ji
ReplyDeleteThanks for millions dollars advice uncle ji
ReplyDeleteNice advice mahatma ji💐💐🙏🙏
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻
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