झूठ और भ्रांति अच्छे लगते हैं -
पर इन से जीवन में क्रांति नहीं आती
सच्चाई कड़वी होती है
लेकिन उसे समझे बिना जीवन में शांति नहीं आती
ये जाते हुए पुराने साल की नसीहत भी तुम हो और आने वाले हर इक साल की ज़रुरत भी तुम हो (तुम = निरंकार ईश्वर) कि जो तौफ़ीक़ रखते हैं बना लें...
🙏
ReplyDeleteVery true🙏🏻🤲
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