क्योंकि ज्ञान को समझने के लिए भी ज्ञान चाहिए
लेकिन उस ज्ञान का कोई फ़ायदा नहीं जिसे जीवन में धारण न किया जाए
और ज्ञान को जीवन में धारण करने के लिए ज्ञान को याद रखना
और उस का अभ्यास करना ज़रुरी है
' राजन सचदेव '
' राजन सचदेव '
अब तो हर एक अदाकार से डर लगता है मुझ को दुश्मन से नहीं यार से डर लगता है मुझ को बालों की सफ़ेदी ने ख़बर-दार किया ज़िंदगी अब तिरी रफ़्तार से ...
Leads to become karamyogi gyani.
ReplyDelete/Satyavan
SATYVACHAN HAZOOR🙏🌹🙏👣🙏🌹
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