नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं
प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं
(राम चरित मानस - बाल कांड)
अर्थात संसार में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे प्रभुता -
प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं
(राम चरित मानस - बाल कांड)
अर्थात संसार में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे प्रभुता -
यानी शक्ति, प्रसिद्धि और अधिकार प्राप्त होने के बाद अहंकार न हो।
सच तो ये है कि जिसकी जितनी अधिक प्रसिद्धि हो -
जितनी बड़ी शक्ति और अधिकार हो -
उसका अहंकार भी उतना ही बड़ा होता है।
very true
ReplyDelete🙏
ReplyDeletesatya to satya hi hai ji
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