Sunday, October 24, 2021

दो ही सूरतों में होती है क़दर हर चीज़ की

दो ही सूरतों में होती है क़दर हर चीज़ की
इक उसके मिलने से पहले इक उसके खोने के बाद

बुज़ुर्गों की सेवा उनके जीते जी कर लो  'राजन '
वरना पछताओगे उनकी आँखें बंद होने के बाद

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दो स्थितियों में हर चीज़ की क़ीमत बढ़ जाती है -
उसके मिलने से पहले - और उसे खोने के बाद

साधारणतया - जो हमारे पास होता है - हम उस की कदर नहीं करते - 
उस की कीमत - उसके महत्त्व का हमें एहसास नहीं होता।

माँ बाप और अन्य बुज़ुर्ग - जब तक हमारे पास हैं - हमें उनका ख़ास ध्यान नहीं रहता 
लेकिन जब उनकी आंखें बंद हो जाएंगी - जब वे चले जाएंगे -
तो जीवन भर केवल अफसोस और दुख ही रह जाएगा।

ये अफसोस - कि काश हमने उनके लिए ये किया होता -
काश उनके साथ कुछ और समय बिताया होता -
काश - हम ऐसा कर सकते थे और हमें ऐसा करना चाहिए था। 

लेकिन तब, बहुत देर हो चुकी होगी - 
तब सिर्फ अफ़सोस और पश्चाताप के सिवा कुछ नहीं हो सकेगा।

इसलिए अभी - समय रहते उनका सम्मान और उनसे प्रेम कर लो। 
उनके जीवित रहते हुए जितनी भी हो सके उनकी सेवा कर लो।
                            ' राजन सचदेव '

3 comments:

  1. very true ji , 🙏🌹👣🙏🌹

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  2. True..

    Kash! Nirankar ki kirpa Aisi ho jaaye ki kisi ko Kash Kahane ki jarurat na pade.

    Satyavan 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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ये दुनिया - Ye Duniya - This world

कहने को तो ये दुनिया अपनों का मेला है पर ध्यान से देखोगे तो हर कोई अकेला है      ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ Kehnay ko to ye duniya apnon ka mela hai...