Thursday, February 17, 2022

शांति स्थापित करने की ज़रुरत नहीं

नदियों को साफ़ करने की ज़रुरत नहीं है
बस - उन्हें गंदा न करें - 
उनमे गंदगी डालना बंद कर दें
तो वह स्वयं ही साफ़ रहेंगी

जंगल उगाने की ज़रुरत नहीं
बस उन्हें काटना बंद कर दें
तो जंगल स्वयंमेव ही हरे भरे रहेंगे

शांति स्थापित करने की कोई ज़रुरत नहीं
बस - अगर अशांति फैलाना बंद कर दें
तो हमेशा हर तरफ शांति ही रहेगी

इसी तरह मन को साफ़ करने की भी ज़रुरत नहीं है
बस, मन में नकारात्मक विचारों को न आने दें -
दुर्भावना पूर्ण विचारों को मन में स्थान न दें
किसी के प्रति नफरत और शत्रुता का भाव न रखें
तो मन हमेशा साफ़ और पवित्र ही रहेगा

हम जितना नकारात्मक विचारों और नकारात्मक लोगों से दूर रहेंगे  -
हमारा जीवन उतना ही शांतिपूर्ण होगा।
                                   ' राजन सचदेव '

5 comments:

Khamosh rehnay ka hunar - Art of being Silent

Na jaanay dil mein kyon sabar-o-shukar ab tak nahin aaya Mujhay khamosh rehnay ka hunar ab tak nahin aaya Sunay bhee hain, sunaaye bhee hain...