Monday, December 13, 2021

वैदिक प्रार्थना - सब प्रेम से रहें

मित्रस्य मा चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षन्ताम्
मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षे
मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे ॥

                                      (यजुर्वेद ३६/१८)

अर्थात :
सब मुझे मित्रता (प्रेम) की दृष्टि से देखें
मैं सबको मित्रता की दृष्टि से देखूं
हर प्राणी सब को मित्रता एवं प्रेम की दृष्टि से देखे

No comments:

Post a Comment

Discussion vs Argument चर्चा बनाम बहस

Discussion - is an exchange of    Thoughts & Knowledge            Promote it. Argument - is an exchange of   Ego & Ignorance        ...