भगवान से अक़्ल नहीं, विद्वता नहीं -
नसीब माँगो, कृपा मांगो .......
क्योंकि मैंने हमेशा विद्वानों को भाग्यवानो के लिए काम करते देखा है
दिमाग़ वालों को नसीब वालों की नौकरी करते ही देखा है
सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही "अदम " Sirf...
Waaoo......ur words always work for me.just like medicine ��....bless me...
ReplyDeleteGaurav Bhagat