Monday, September 21, 2015

भाग्य या विद्वता ? नसीब या अक़्ल ?

भगवान से अक़्ल नहीं, विद्वता नहीं - 

नसीब माँगो, कृपा मांगो .......  

क्योंकि मैंने हमेशा विद्वानों को भाग्यवानो के लिए काम करते देखा है 

दिमाग़ वालों को नसीब वालों की नौकरी करते ही देखा है 

1 comment:

  1. Waaoo......ur words always work for me.just like medicine ��....bless me...

    Gaurav Bhagat

    ReplyDelete

सिर्फ़ इक ग़लत क़दम Sirf ik Galat Kadam - Just one wrong step

सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत राह-ए-शौक़ में        मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही                                      "अदम " Sirf...