Saturday, February 11, 2023

मन की दुनिया - तन की दुनिया

फिर चराग़-ए-लाला से रौशन हुए कोह-ओ-दमन 
मुझ को फिर नग़्मों पे उकसाने लगा मुर्ग़-ए-चमन 

मन की दुनिया, मन की दुनिया सोज़-ओ-मस्ती जज़्ब-ओ-शौक़ 
तन की दुनिया, तन की दुनिया सूद-ओ-सौदा मक्र-ओ-फ़न 

मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं 
तन की दौलत छाँव है आता है धन जाता है धन 

मन की दुनिया में न पाया मैं ने अफ़रंगी का राज 
मन की दुनिया में न देखे मैं ने शैख़ ओ बराहमन  

अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी 
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन 

पानी पानी कर गई मुझ को क़लंदर की ये बात 
तू झुका जब ग़ैर के आगे - न मन तेरा न तन 
                                अल्लामा इक़बाल

चराग़-ए-लाला   =   फूलों के चिराग़ 
कोह-ओ-दमन  =    पहाड़ और मैदान 
मुर्ग़-ए-चमन      =  बाग़ का पक्षी 
सोज़-ओ-मस्ती  = जोश, आनंद 
जज़्ब-ओ-शौक़  =  भावनाएं अभिलाषा उत्कंठा 
सूद                    =  लाभ 
सौदा                  =  सम्पति 
मक्र-ओ-फ़न     =  धोखा - फ़रेब की कला 

भावार्थ: 
पर्वत और मैदान सब रौशन हैं - हर जगह रौशनी है। 
बाग़ के पक्षी मुझे गीत लिखने के लिए उकसा रहे हैं। 

मन की दुनिया तो मन की दुनिया है - जोश, मस्ती भावनाओं की तरंगों और आनंद से भरी हुई।
शरीर की दुनिया इक बाहरी दुनिया है - लाभ और संपत्ति - झूठ, धोखे और फ़रेब से भरी हुई।

मन का धन, एक बार प्राप्त हो जाने पर छूटता नहीं - हमेशा साथ रहता है।
और शरीर अथवा संसार का धन तो छाया की तरह है - धन आता है, और चला  जाता है।

मन की दुनिया में, मुझे फिरंगियों (अंग्रेज़ों) का शासन नहीं दिखता।
                       (उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था)
न ही मन की दुनिया में मुझे कोई शेख या ब्राह्मण (मुस्लिम उपदेशक या हिंदू पुजारी) दिखाई देते हैं। 

अपने मन की गहराइयों में उतरो - अपने मन में गहरा गोता लगाओ और जीवन के सही अर्थ और सार को समझो।
अगर तुम मेरे नहीं बनना चाहते तो कम से कम अपने तो बन जाओ।

मैं शर्म से पानी पानी हो गया - मेरा सर शर्म से झुक गया जब एक कलंदर (फकीर) ने कहा 
कि जब तुम दूसरों के सामने झुक जाते हो तो न मन तुम्हारा रहता है और न ही तन।

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On this sacred occasion of Mahavir Jayanti

On this sacred occasion of Mahavir Jayanti  May the divine light of Lord Mahavir’s teachings of ahimsa, truth, and compassion shine ever br...