Friday, February 3, 2023

दर्शन और प्रदर्शन

दर्शन में कमी रह जाए ... तो चलेगा  
          -   लेकिन प्रदर्शन से अवश्य बचना

वन्दन में कमी रह जाए .... .तो चलेगा  
           -    लेकिन बंधन से अवश्य बचना

प्रवचन में कमी रह जाए ....तो चलेगा  
            -   लेकिन दुर्वचन से अवश्य बचना

श्रवण में कमी रह जाए ....तो चलेगा  
         -  लेकिन कुश्रवण से अवश्य बचना

प्रतिक्रमण में कमी रह जाए ....तो चलेगा  
             -   लेकिन अतिक्रमण से अवश्य बचना

भोजन का उपवास न कर सको ....तो चलेगा   
           -  लेकिन किसी का उपहास मत करना 

केश-विलोचन न भी कर सको ..तो चलेगा  
          -  लेकिन क्लेश-विलोचन अवश्य करना

प्रदर्शन           =  दिखावा 
वन्दन             =  अभिवादन, पूजा-पाठ, वंदना, बंदगी
कुश्रवण           =  बुरी बातें, निंदा, चुगली इत्यादि सुनना  
प्रतिक्रमण         =    दोहराना - किसी मंत्र अथवा नाम का बार बार उच्चारण करना - बार बार दोहराना 
अतिक्रमण        =    अनुचित हस्तक्षेप, घुसपैठ, अनाधिकार दखलंदाज़ी,  किसी के अधिकारों का बलात उल्लंघन
उपहास            =   मज़ाक उड़ाना , 
केश-विलोचन   =    मुंडन, सर के बाल मूंडना जैसे सन्यासी लोग करते हैं
क्लेश-विलोचन  =   क्लेश करने से परहेज़, लड़ाई झगड़े का अंत,  दुःख और यातना देने की भावनाओं का त्याग 

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