- लेकिन प्रदर्शन से अवश्य बचना
वन्दन में कमी रह जाए .... .तो चलेगा
- लेकिन बंधन से अवश्य बचना
प्रवचन में कमी रह जाए ....तो चलेगा
- लेकिन दुर्वचन से अवश्य बचना
श्रवण में कमी रह जाए ....तो चलेगा
- लेकिन कुश्रवण से अवश्य बचना
प्रतिक्रमण में कमी रह जाए ....तो चलेगा
- लेकिन अतिक्रमण से अवश्य बचना
भोजन का उपवास न कर सको ....तो चलेगा
- लेकिन किसी का उपहास मत करना
केश-विलोचन न भी कर सको ... तो चलेगा
- लेकिन क्लेश-विलोचन अवश्य करना
- लेकिन अतिक्रमण से अवश्य बचना
भोजन का उपवास न कर सको ....तो चलेगा
- लेकिन किसी का उपहास मत करना
केश-विलोचन न भी कर सको ... तो चलेगा
- लेकिन क्लेश-विलोचन अवश्य करना
प्रदर्शन = दिखावा
वन्दन = अभिवादन, पूजा-पाठ, वंदना, बंदगी
कुश्रवण = बुरी बातें, निंदा, चुगली इत्यादि सुनना
प्रतिक्रमण = दोहराना - किसी मंत्र अथवा नाम का बार बार उच्चारण करना - बार बार दोहराना
अतिक्रमण = अनुचित हस्तक्षेप, घुसपैठ, अनाधिकार दखलंदाज़ी, किसी के अधिकारों का बलात उल्लंघन
उपहास = मज़ाक उड़ाना ,
केश-विलोचन = मुंडन, सर के बाल मूंडना जैसे सन्यासी लोग करते हैं
क्लेश-विलोचन = क्लेश करने से परहेज़, लड़ाई झगड़े का अंत, दुःख और यातना देने की भावनाओं का त्याग
Bahut hee sunder advice ji. 🙏
ReplyDeleteJay
🙏
ReplyDeleteBless that i retain this advice for myself
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏
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