रिश्ते नाते आख़िर इक दिन टूट जाते हैं
इक इक करके सारे अपने छूट जाते हैं
संसार में जो भी प्राणी आता है वो एक दिन इस संसार को छोड़ कर चला भी जाता है।
यही प्रकृति का विधान है ।
"जो आया सो चलसी "
दो दिन पहले चाची जी (शकुंतला देवी सचदेव) 89 वर्ष की आयु में - पटियाला में इस नश्वर संसार से विदा हो गए और छोड़ गए अपनी पुरानी और मधुर यादें।
मेरे जन्म-स्थल फरीदकोट में हमारे घर आमने सामने ही थे।
मेरे बीजी (माता जी) और चाची जी रिश्ते के अलावा गहरी सहेलियां भी थीं।
अजीब संयोग है कि बीजी ने 4 फरवरी 1994 में संसार से विदा ली और अब चाची जी ने भी 3 और 4 फरवरी के बीच का समय ही चुना। ऐसा लगता है कि जहां वो हर पार्टी में साथ साथ ही रहते थे - साथ ही बैठते और खाते थे वहीं जाने की तारीख भी साथ साथ ही चुनी।
अलविदा एवं सादर प्रणाम
कुछ पुरानी यादें
My Mother - Around 1958 at Simla |
Jo tudh bhave sai bhali kar.
ReplyDeleteTu sada slamat Nirankar 🙏
V nice ji
ReplyDeleteSorry 😔😔 Kush samjh nahi aa raha ke mein aap ji ko kya bolun
ReplyDeleteNirankar Mehar kare bhana manane ke shkti pardhan kare ji 🙏🏻🙏
No doubt we have to accept Nirankar’s will but when such loved ones leave and we find hard to find someone of the same caliber in Gurmat it feels so sad and tears do roll down our cheeks. Please accept our heartfelt condolences even though we know she is with us in ‘Nirankar Swaroop’. RLM
ReplyDeleteNirankar parivar ko bhana मानने ka बल bakhshe 🙏🏻🌹
ReplyDeleteTuhi Nirankar 🙏🏻🙏🏻
Aaya hai so jaay ga Raja Rank aur fair ik singhasan chard chale is bandhe janjeer chachi ji ne pyar Baanta aap ko aur sabko jod ke rakha ji
ReplyDeleteVery sorry for your loss 🙏🙏
ReplyDeleteEk tuhi nirankar 🙏🙏
ReplyDeleteWaheguru ji
ReplyDeleteNirankar Satguru bless you strength
ReplyDeleteto bear the loss of such noble soul🌹🌹
🌼ॐ शांति🌼 ॐ शांति 🌼ॐ🙏
ReplyDeleteRishabh
Ek tuhi Nirankari 🙏🙏 pls accept our condolences ji.
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