Monday, February 6, 2023

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता 
कहीं ज़मीन - कहीं आसमाँ नहीं मिलता

तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो
जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता

कहाँ चराग़ जलाएँ - कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता

ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं
ज़ुबां मिली है मगर हम-ज़ुबां नहीं मिलता

बुझा सका है भला कौन वक्त के शोले
ये ऐसी आग है जिस में धुँआ नहीं मिलता

चराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है
ख़ुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलता
                             " निदा फ़ाज़ली "


ख़ुलूस = सच्चाई , निष्कपटता , निश्छलता
अज़ाब = दुःख, पीड़ा, कष्ट
बीनाई = देखने की शक्ति

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Who is Lord Krishn कौन और क्या हैं भगवान कृष्ण

Anupam Kher explains              Who or what is Lord Krishn   कौन और क्या हैं भगवान कृष्ण  -- अनुपम खैर  With English subtitles  👆