Tuesday, February 7, 2023

चम्पा का फूल और भँवरा

                              चंपा - तुझ में तीन गुण - रुप, रंग और बास
                              अवगुण केवल एक है - भ्रमर ना आवै पास

चम्पा के फूल में तीनों गुण होते हैं -- सुंदर रंग, सुंदर रुप और सुगंध। 
लेकिन भँवरे उस पर कभी नहीं बैठते - उसके पास नहीं आते।  

जिन्हें केवल रुप रंग और सुगंध का ही आनंद लेना है, ऐसी मक्खियाँ तो अक़्सर चम्पा के फूलों के आस पास घूमती रहती हैं - लेकिन भ्र्मर एवं मधुमक्खी - जिसे असली रस ले कर उसे मधु (शहद ) में परिवर्तित करना है - वो कभी चम्पा के फूलों के पास नहीं आती। 
आखिर ऐसा क्यों?
क्योंकि चंपा के फूल  में परागकण नहीं होते, इसलिए मधुमक्खियां इस पर कभी नहीं बैठतीं। 

भावार्थ: 
अक़्सर धनी, सुन्दर, या प्रसिद्ध और प्रभावशाली व्यक्तित्वों के आसपास असंख्य ही साधारण लोग तो एकत्रित हो जाते हैं। लेकिन पढ़े-लिखे और समझदार लोग केवल बाहरी दिखावे से प्रभावित नहीं होते। 
नेता अथवा प्रचारक यदि प्रभावशाली वक्ता हो तो बहुत सी भीड़ उनके पास इकट्ठी हो जाती है और भीड़ को देख कर असंख्य अन्य लोग भी उनके साथ शामिल हो जाते हैं। 
लेकिन विद्वान लोग - साधक, मुमुक्षु और खोजी लोग - जो गहन ज्ञान को समझना चाहते हैं - उनके पास नहीं आते।
क्योंकि वे केवल साधारण कर्मकांड या दिखावे की दिनचर्या नहीं चाहते।
वे गहराई तक जाना चाहते हैं - सच्ची विचारधारा के सार को आत्मसात करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं। वे सिर्फ किसी भीड़ का अनुसरण नहीं करना चाहते।

सत्गुरु कबीर जी ने भी ऐसा ही कहा है:
                              जहँ मार्ग पंडित गए - पाछे गई बहीर
                             औघट घाटी राम की तहं चढ़ रहयो कबीर 
अर्थात पंडित प्रचारक एवं लीडर जैसा कहते हैं, असंख्य लोग बिना सोचे समझे वैसा ही करने लगते हैं।  
असंख्य लोगों की भीड़ उनका अनुसरण करते हुए उनके पीछे पीछे चलती रहती है। 

लेकिन कबीर जी कहते हैं कि राम का मार्ग - अध्यात्म का मार्ग तो बहुत कठिन और श्रमसाध्य है। 
एक ऊँचे पर्वत पर चढ़ने की तरह है - और उन्होंने वही मार्ग चुना है।

क्योंकि ज्ञानी सत्य का अनुसरण करते हैं - भीड़ का नहीं।
                                            " राजन सचदेव "

4 comments:

  1. Interesting fact about Champa flower and their relationship with Bees and perfect analogy. Thank you🙏

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  2. Bahut hee sunder bachan ji. 🙏

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  3. Bahut hee sunder bachan mahapurso ji🌹🌹🙏🙏

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  4. Reminds me of another verse by Saint Kabir:
    बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर ।
    पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर

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When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...