सब फैसले होते नहीं सिक्का उछाल के
ये दिल का मामला है ज़रा देखभाल के
मोबाइलों के दौर केआशिक़ को क्या पता
रखते थे कैसे ख़त में कलेजा निकाल के
ये कहके नई रोशनी रोएगी एक दिन
अच्छे थे वही लोग पुराने ख़याल के
आंधी उड़ा के ले गई ये और बात है
वरना हम भी पत्ते थे मजबूत डाल के
तुमसे मिला है प्यार सभी रत्न मिल गए
अब क्या करेंगे और समंदर खंगाल के
" उदय प्रताप सिंह "
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वृक्ष कबहुँ न फल भखै, नदी न संचय नीर परमार्थ के कारने साधुन धरा शरीर ...
How true!!!!
ReplyDeleteDr J
Wah Ji Wah 🙏🏻
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletetrue
ReplyDelete👍👍
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