तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो ।
क्योंकि चाहे सूरज हो या दीपक
वह स्वयं जल कर ही दूसरों को रौशनी प्रदान करता है
क्योंकि चाहे सूरज हो या दीपक
वह स्वयं जल कर ही दूसरों को रौशनी प्रदान करता है
ये कलियुग है जनाब — झूठ चाहे धीरे से ही बोलो तो भी सब सुन लेंगे और सच अगर चिल्ला-चिल्लाकर भी कहो तो भी कोई सुनने वाला न...
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