Monday, December 14, 2020

ईश्वर-अनुभूति विनम्रता से प्रारम्भ होती है

जब तक आप अन्य लोगों पर हावी होने की इच्छा रखते हैं - 
उन्हें अपने आधीन - अपने कंट्रोल में रखना चाहते हैं 
या उन्हें यह दिखाना चाहते हैं कि आप आध्यात्मिक रुप से या किसी अन्य बात में उन से अधिक शक्ति रखते हैं
तो आपको मोक्ष अर्थात आत्मा की स्वतंत्रता नहीं मिलेगी।
ईश्वर-अनुभूति विनम्रता से प्रारम्भ होती है
                       ~ परमहंस योगानन्द ~

1 comment:

Naam letay hain vo mera (They mention my name with.... )

Naam letay hain vo mera kyon dushnaam say   (Disdain) Miltay hain jin say hamesha hum ikraam say    (Respectfully) Beqaraari me na aayi ne...