Wednesday, July 19, 2023

दुःख भरी बातें

दुःख  भरी  बातें  पुरानी  भूल  जाइए 
मीठी मीठी यादों से दिल को बहलाईए 

मुश्किलें माज़ी की सोच के दुखी न हों 
आने वाले वक़्त को  'राजन ' सजाईऐ 
                              " राजन सचदेव "

माज़ी         =  अतीत, बीता हुआ समय 

3 comments:

  1. Is it so easy to forget the past agonies

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  2. Datar Prabhu Nirankar Satguru Bless us all ji with such pious vibes. Keep sharing 🌺

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कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?

न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...