Friday, February 10, 2023

किरदार का ग़ाज़ी बन न सका

मस्जिद तो बना दी शब भर में  ईमाँ की हरारत वालों ने 
मन अपना पुराना पापी है, बरसों में नमाज़ी बन न सका 

'इक़बाल ' बड़ा उपदेशक है - मन बातों में मोह लेता है 
गुफ़्तार का ये ग़ाज़ी तो बना, किरदार का ग़ाज़ी बन न सका 
                                                       "अलामा इक़बाल "

गुफ़्तार        =  वार्तालाप, बोलचाल, भाषण
ग़ाज़ी           =  मज़हब के लिए लड़ने वाला, धर्मयोद्धा, मज़हबी लड़ाई का हीरो           
किरदार      =   कर्म, आचरण, व्यवहार  

4 comments:

  1. BAHUT SUNDER IKBAL JI KA SHEYAR 👌👌👌

    ReplyDelete
  2. क्या बात है

    ReplyDelete
  3. समझने में देर लगी मेरे छोटे दिमाग को, पर क्या खूब लिखा है। वाह वाह।

    ReplyDelete

On this sacred occasion of Mahavir Jayanti

On this sacred occasion of Mahavir Jayanti  May the divine light of Lord Mahavir’s teachings of ahimsa, truth, and compassion shine ever br...