Tuesday, April 29, 2025

दर्द है तो दर्द का इलाज़ कीजिए

      दर्द है तो दर्द का इलाज़ कीजिए
     "दर्द है" कहने से दर्द कम नहीं होता
                                         (लेखक नामालूम)
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भावार्थ :
दर्द चाहे शारीरिक हो या भावनात्मक अथवा मानसिक  - केवल उसकी निरंतर चर्चा और शिकायत करने से कुछ नहीं होगा। 
'दर्द होता है' कह देने से ही पीड़ा समाप्त नहीं हो सकती। 

दर्द को समझना और इसे स्वीकार करना पहला कदम है - 
लेकिन उपचार तो तभी शुरु होगा जब आप समाधान खोजने की दिशा में कदम उठाएंगे। 
दर्द के मूल कारण को समझ कर उसके उपचार के लिए सही दिशा में काम करने से ही दुःख और दर्द को समाप्त किया जा सकता है 
- अन्यथा नहीं।
                              " राजन सचदेव " 

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