माया तो ठगनी भई, ठगत फिरै सब देस।
जा ठग ने ठगनी ठगी, ता ठग को आदेस।।
" सद्गुरु कबीर जी महाराज "
आदेस = प्रणाम, नमस्कार
जन्म किसी और ने दिया नाम भी दूसरों ने रखा पालन पोषण और परवरिश भी दूसरों ने की शिक्षा किसी और ने दी काम अथवा रोजगार भी दूसरों ने दिया ज्...
Beautiful. Kabir Ji's words have always been inspiring for me. Thanks you for sharing🙏
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