Monday, November 25, 2024

सब हैं मुसाफ़िर यहां

दुनिया है सराय फ़ानी सब हैं मुसाफ़िर यहां 
रोज़ कोई आ रहा है - रोज़ कोई जा रहा 
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                 पारस कै संग परस के कंचन भई तलवार                   तुलसी तीनों न मिटे - धार मार आकार राम चरित मानस ...