Thursday, September 12, 2024

कभी देखें न औरों की बुराई

कभी देखें न औरों की बुराई - वो नज़र देना 
हमेशा ख़ामियां अपनी परखने का हुनर देना 

निरोगी तन असीमित मन सही किरदार भी देना 
सबर देना - शुकर देना - दुआओं में असर देना 

कभी मोहताज़ मत करना मुझे जीवन में ऐ दाता 
हैं जितने स्वास 'राजन' पुरसकूं शाम-ओ-सहर देना 
                   " राजन सचदेव " 

असीमित मन    = विशाल हृदय Open, Broad Mind 
किरदार            =  कर्म  Action, Deeds 
पुरसकूं             =   शांतिपूर्ण     Peaceful 
शाम-ओ-सहर  =   सायं काल और प्रातः (रात दिन) 

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