जनाज़े को उनके वो रुकवा के बोले
ये लौटेंगे कब तक - कहां जा रहे हैं ?
जवाब मिला
आए थे दुनिया में दिन चार लेकर
जहां से चले थे - वहां जा रहे हैं
कल जो शहर में करता था सांप के काटे का इलाज आज उसी के तहखाने से सांपों के ठिकाने निकले " अज्ञात लेखक " ...
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