कोई उरूज़ दे ना ज़वाल दे, मुझे सिर्फ़ इतना कमाल दे
मुझे अपनी राह में डाल दे, कि ज़माना मेरी मिसाल दे
तेरी रहमतों का नज़ूल हो, मुझे मेहनतों का सिला मिले
मुझे माल-ओ-ज़र की हवस नहीं, मुझे बस तू रिज़क़-ए- हलाल दे
मेरे ज़हन में तेरी फ़िकर हो, मेरी साँस में तेरा ज़िकर हो
तेरा ख़ौफ़ मेरी निज़ात हो, सभी ख़ौफ़ दिल से निकाल दे
तेरी बारगाह में ऐ ख़ुदा, मेरी रोज़-ओ-शब है यही दुआ
तू रहीम है, तू क़रीम है, मुझे मुश्क़िलों से निकाल दे
(Received from Vikrant Dogra, Jammu)
कुछ शब्दों के अर्थ :
उरूज़ = तरक़्क़ी
ज़वाल = पतन
नुज़ूल = उतरना (नज़ूल हों = मुझ पर उतरें, मिलें )
सिला = बदला Reward
ज़र = धन
हवस = इच्छा, ख़्वाहिश
रिज़क़-ए- हलाल = मेहनत और ईमानदारी की कमाई
ज़हन = Mind, thoughts
निज़ात = Freedom
बारगाह = दरबार
मुझे अपनी राह में डाल दे, कि ज़माना मेरी मिसाल दे
तेरी रहमतों का नज़ूल हो, मुझे मेहनतों का सिला मिले
मुझे माल-ओ-ज़र की हवस नहीं, मुझे बस तू रिज़क़-ए- हलाल दे
मेरे ज़हन में तेरी फ़िकर हो, मेरी साँस में तेरा ज़िकर हो
तेरा ख़ौफ़ मेरी निज़ात हो, सभी ख़ौफ़ दिल से निकाल दे
तेरी बारगाह में ऐ ख़ुदा, मेरी रोज़-ओ-शब है यही दुआ
तू रहीम है, तू क़रीम है, मुझे मुश्क़िलों से निकाल दे
(Received from Vikrant Dogra, Jammu)
कुछ शब्दों के अर्थ :
उरूज़ = तरक़्क़ी
ज़वाल = पतन
नुज़ूल = उतरना (नज़ूल हों = मुझ पर उतरें, मिलें )
सिला = बदला Reward
ज़र = धन
हवस = इच्छा, ख़्वाहिश
रिज़क़-ए- हलाल = मेहनत और ईमानदारी की कमाई
ज़हन = Mind, thoughts
निज़ात = Freedom
बारगाह = दरबार
बहुत उम्दा वैभ
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