Yuvraj Dr. Karan Singh - a great Karmyogi scholar of Indian philosophies
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चंदन स्यों लिपटा रहे पर विष न तजे भुजंग
अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना का एक प्रसिद्ध दोहा है: रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग चंदन विष व्यापत नहीं लिप...
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मध्यकालीन युग के भारत के महान संत कवियों में से एक थे कवि रहीम सैन - जिनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रभावशाली है जितनी उनके समय में थी। कव...
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बाख़ुदा -अब तो मुझे कोई तमन्ना ही नहीं फिर ये क्या बात है कि दिल कहीं लगता ही नहीं सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आए आँसू दिल का आलम तो अ...
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Kaise bataoon main tumhe Mere liye tum kaun ho Kaise bataoon main tumhe Tum dhadkanon ka geet ho Jeevan ka tum sangeet ho Tum zindagi...
Very Thought Provoking
ReplyDeleteThanks For sharing