ढलने लगे
अल्फ़ाज़ -
जब ज़ुबां पे लड़खड़ाने लगें
पाँव - चलते हुए डगमगाने लगें
वक़्त - जब हाथ से
फिसलने लगे
उम्र भर जिसको -
सजाया - संवारा
उस तन -भवन की नींव
जब हिलने लगे
हर शै जब धुंधली सी
दिखने लगे
दांत गिरने लगे - बाल पकने लगे
जब सांसों का कारवां भी थकने लगे
अल्फ़ाज़ -
जब ज़ुबां पे लड़खड़ाने लगें
पाँव - चलते हुए डगमगाने लगें
हाथ - उठते हुए कंपकंपाने लगें
ख़ूबसूरत जिस्म जब होने लगे निढ़ाल
दिल की धड़कनें भी जब होने लगें बेताल
वक़्त जब थमता हुआ लगने लगे
सांस भी रुक रुक के जब चलने लगे
फ़र्क़ सच और झूठ का
सांस भी रुक रुक के जब चलने लगे
फ़र्क़ सच और झूठ का
उस वक़्त समझ आए - तो क्या
आफ़ताब = सूर्य , सूरज Sun
अपने कर्मों पर अगर
उस वक़्त पछताए - तो क्या
अश्क़ -
नदामत के आँख में भी भर आए -
तो क्या ?
क्योंकि -
क्योंकि -
ऐ मेरे हमदम
उस वक़्त तो देर -
बहुत देर हो चुकी होगी
ज़हानत -
उस वक़्त तो देर -
बहुत देर हो चुकी होगी
ज़हानत -
सब साज़ो-सामान खो चुकी होगी
ज़िंदगी थक -हार के तब सो चुकी होगी
इस्लाह के सारे इमकान
खो चुकी होगी
बस - अभी कुछ वक़्त है
कुछ सोचने समझने का
कुछ पाने का - कुछ बनने का
कुछ कहने सुनने सहने का
कुछ करने या - न करने का
सबरो -सिदक़
और चैन अमन से रहने का
बस यही तो वक़्त है 'राजन '
सिर्फ यही इक वक़्त है -
ख़ुद अपने आप से मिलने का
और जान के सच -
फिर सच की राह पे चलने का
' राजन सचदेव '
आफ़ताब = सूर्य , सूरज Sun
अल्फ़ाज़ = शब्द words
अश्क़ = आंसू
नदामत = पश्चाताप , ग्लानि, पछतावा , शर्मिंदगी Repentance
हमदम = जीवन साथी, जीवन भर साथ देने वाला दोस्त, मित्र,
हमदम = जीवन साथी, जीवन भर साथ देने वाला दोस्त, मित्र,
Life long friend or companion
ज़हानत = बुद्धि , सोच-विचार की शक्ति - योग्यता Intelligence
इस्लाह = सुधार, विकास, तरक़्क़ी , संशोधन, परिशोधन betterment, improvement, rectification
इस्लाह = सुधार, विकास, तरक़्क़ी , संशोधन, परिशोधन betterment, improvement, rectification
इमकान = संभावना , मौक़े अवसर , Possibility, Chance, Opportunities
इस्लाह के सारे इमकान खो चुकी होगी = उत्कर्ष के सब अवसर खो चुकी होगी
इस्लाह के सारे इमकान खो चुकी होगी = उत्कर्ष के सब अवसर खो चुकी होगी
��������������wah ji
ReplyDeleteWalaikumsalam
ReplyDeletehuq zindagi ka sahi naqsha nazm main bayan kerdye bahut khub andaz hai
Sameder ko kuzey main bund karne ka fun hai
True🙏🌼🌸🌺
DeleteBeautiful and meaning full poem...🙏🙏
ReplyDeletethe reality of life
ReplyDeleteSo beautiful true words...thanks a lots ji 🌸🙏🌺
ReplyDeleteक्या बात है, ज़बरदस्त....👌👌
ReplyDeleteThis is wonderful - thank you so much ❤️
ReplyDeleteWonderful ������
ReplyDeleteV. V v v nice
ReplyDeleteAwesome uncle ji
ReplyDeleteAankh band hone se pehle Aankh khul jaaye!
Beautiful Poem and Message and a warning🙏
ReplyDeleteकहने सुनने और सहने में और इस वक़्त बर्तमान में ज़िन्दगी के गहरे राज छुप्पे हैं जिस्से हर कोई नहीं समझ सकता। आप ने गहराई को सेहजता से बेयान किया है।
ReplyDeleteWonderful ������
ReplyDelete��bahut khoob!!!!!
ReplyDeleteWaah Jì Waah Kya khoob kaha hai .. kitna sach aur sunder ����
ReplyDeleteRajan Jì. Amazing & very very realistic & true Jì. Keep blessing Jì. ������������
ReplyDeleteWah ji wah ����������
ReplyDeleteAmazing poem which is depicting the reality of life ������
ReplyDeleteBAHUT BAHUT BAHUT HI SUNDER ATI SUNDER BHAV IZHAR KIYE APJI NE
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