राह देखते हैं रोज़ फ़रिश्तों के आने की
घर के दरवाजे पे मगर कुत्ता बिठा रखा है
पश्चिमी परंपराओं में - फरिश्तों अर्थात देवदूतों अथवा स्वर्गदूतों को सफेद चोला पहने हुए दिखाया जाता है - जो कि शांति और आनंद का प्रतीक है।
पूर्वी परंपराओं में कुत्ते को लालच और अत्यधिक इच्छाओं का प्रतीक माना जाता है।
यदि मन रुपी घर अत्यधिक इच्छाओं और लोभ से भरा हुआ है
तो शांति और आनंद वहां कैसे प्रवेश कर सकता है?
' राजन सचदेव '
WAH WAH WAH KYA BAT KAHI GZB KI
ReplyDeleteबहुत अच्छा है
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