Tuesday, October 15, 2024

बातों से बात बने - तो फिर बात ही क्या है

"बातों से बात बने - तो फिर बात ही क्या है। 
आज अच्छे शब्द, अच्छे विचार और शुद्ध व्यवहार की नसीहत करने वालों की कोई कमी नहीँ है...
पर ज़रुरत है पहले उनको खुद पर लागू करने की !
सुनाने से पहिले खुद भी सुनने और मानने की ज़रुरत है। "
                                                (सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी)

5 comments:

फ़ासला यारो है बस इक सांस का The distance is just a single breath

इस जहां और उस जहां के दरमियां - फ़ासला यारो है बस इक सांस का  ये अगर चलती रहे तो ये जहां ---- और अगर रुक जाए तो फिर वो जहां  Is jahaan aur us...